इंतज़ार…
आदतन ख्वाब देखती हैं आँखें
आदतन सपने संजोता है मन
साहिल पे बैठ
लहरों पे ऊँगली फैराती हूँ
शीशे से पानी पर
तस्वीर कोई बनाती हूँ
हवाएँ उसपर
तुम्हारा नाम लिख जाती हैं
घंटों वहां बैठ
इंतज़ार करते हैं
मेरे ख्वाब संग तुम्हारी यादें...
शैल
July 27, 2017