अलविदा…
दूर दिन उतर रहा था पानी मेँ
साहिल को रात का इंतज़ार था
डूबती नब्ज़ों मेँ दर्द मूँदने लगा था आँखें
स्याही लगी थी, चेहरे की जर्दी ढाँपने
जिस्म को अलविदा कह
रूह की ऊँगली पकड़
समा रही थीं साँसें
धीमे धीमे
इक मीठी
लम्बी नींद की आग़ोश मेँ...
शैल
September 1, 2017