ख़्वाब…
बड़े दिलकश हैं ये ख़्वाब
ज्यों ही बन्द करती हूँ आँखें
झट मिलने हैं आ जाते
और खुली हों जब आँखें
तब भी नैन लड़ाने से
कहाँ बाज आते...
शैल
August 4, 2017
बड़े दिलकश हैं ये ख़्वाब
ज्यों ही बन्द करती हूँ आँखें
झट मिलने हैं आ जाते
और खुली हों जब आँखें
तब भी नैन लड़ाने से
कहाँ बाज आते...
शैल
August 4, 2017