सैलाब…

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साहिल मगरूर था सोच यह
उसने दरिया की हदें तय कर दीं
कुछ बूँदें ज़्यादा क्या बरसीं
दरिया ने तो हद ही कर दी...

शैल
July 23, 2017

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