एहसास

 
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हवा का झौंका
पेशानी पे गिरी लट को
इस क़दर झटक गया
महसूस हुआ तुम हो
अन्दाज़ तुम्हारे जैसा ही था...

शैल
July 20, 2017

 
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बारिश की बरसती बूँदें
ज़मीं को कुछ यूँ लिपटीं
इक ख़ुशबू सी उड़ी
उनकी यादों को छू गयी...

शैल
July 20, 2017

अक्सर शक
जहाँ को जहन्नुम बना देता है
नफरत के सैलाब में
डूब जाते हैं रिश्ते
यूंकि, ख़तावार हमेशा
गलतियाँ नहीं होतीं...

शैल
July 20, 2017

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इल्म किताबों से मिला बें-इंतहा
पर मैं नासमझ, नादान ही रहा
लगी जो ठोकरें ज़माने की
हर सबक़ बख़ूबी याद हो गया...

शैल
July 20, 2017

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