एहसास Jul 20 Written By Shalini Garg हवा का झौंकापेशानी पे गिरी लट कोइस क़दर झटक गयामहसूस हुआ तुम होअन्दाज़ तुम्हारे जैसा ही था... शैलJuly 20, 2017 बारिश की बरसती बूँदेंज़मीं को कुछ यूँ लिपटींइक ख़ुशबू सी उड़ीउनकी यादों को छू गयी... शैलJuly 20, 2017 अक्सर शकजहाँ को जहन्नुम बना देता हैनफरत के सैलाब मेंडूब जाते हैं रिश्तेयूंकि, ख़तावार हमेशागलतियाँ नहीं होतीं... शैलJuly 20, 2017 इल्म किताबों से मिला बें-इंतहापर मैं नासमझ, नादान ही रहालगी जो ठोकरें ज़माने कीहर सबक़ बख़ूबी याद हो गया... शैलJuly 20, 2017 Shalini Garg
एहसास Jul 20 Written By Shalini Garg हवा का झौंकापेशानी पे गिरी लट कोइस क़दर झटक गयामहसूस हुआ तुम होअन्दाज़ तुम्हारे जैसा ही था... शैलJuly 20, 2017 बारिश की बरसती बूँदेंज़मीं को कुछ यूँ लिपटींइक ख़ुशबू सी उड़ीउनकी यादों को छू गयी... शैलJuly 20, 2017 अक्सर शकजहाँ को जहन्नुम बना देता हैनफरत के सैलाब मेंडूब जाते हैं रिश्तेयूंकि, ख़तावार हमेशागलतियाँ नहीं होतीं... शैलJuly 20, 2017 इल्म किताबों से मिला बें-इंतहापर मैं नासमझ, नादान ही रहालगी जो ठोकरें ज़माने कीहर सबक़ बख़ूबी याद हो गया... शैलJuly 20, 2017 Shalini Garg