आस…

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भीगे-भीगे इस मौसम में
उधार की कुछ बूँदें
इस ख़ुश्क दिल पर भी बरसा दे
इंतज़ार की शाख़ पर झूल रहा
आस का आखिरी पत्ता
शायद फिर से हरा हो जाए...

शैल
August 16, 2017

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