ख़ामोशी…
चुप रहेगी ज़ुबाँ
ख़ामोशी करेगी बयाँ अफ़साने कईं,
सुन सके तो सुन दर्द-ए-दिल की फ़ुग़ाँ
आप-बीती है ये, ज़माने की सदा नहीं...
फ़ुग़ाँ = आर्तनाद, दुहाई
शैल
September 3, 2017
चुप रहेगी ज़ुबाँ
ख़ामोशी करेगी बयाँ अफ़साने कईं,
सुन सके तो सुन दर्द-ए-दिल की फ़ुग़ाँ
आप-बीती है ये, ज़माने की सदा नहीं...
फ़ुग़ाँ = आर्तनाद, दुहाई
शैल
September 3, 2017