इक और सही…
हम मैखाने की गलियों में क्या लुढ़के
बदनाम शराब हो गयी
खता मय की नहीं
यादों की थी
जिन्हें हम जाम में डुबाकर
पीते रहे
और कहते रहे
इक और सही
इक और सही...
शैल
July 20, 2017
हम मैखाने की गलियों में क्या लुढ़के
बदनाम शराब हो गयी
खता मय की नहीं
यादों की थी
जिन्हें हम जाम में डुबाकर
पीते रहे
और कहते रहे
इक और सही
इक और सही...
शैल
July 20, 2017