मौसिक़ी

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भीगी शाम की दहलीज़ पर
पिघल रही है
ढलते आफ़्ताब की मौसिक़ी
बूढ़ी ख्वाइशों की धुन ने
आज फ़िर दिल पर दस्तक दी है...

शैल
October 28, 2017

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