वो दर्द ही क्या…

20708280_10212226576292714_7984796675172399967_n.jpg

हमने देखें हैं
मासूम बहारों मेँ
चमन जलते हुए
पुरनूर सितारों दरमियाँ
आसमां पिघलते हुए
हर मंज़र-ए-हर्फ़ हो
ये मुमकिन तो नहीं
वो दर्द ही क्या
जो लफ्ज़-ए-बयां हो जाए...

शैल
August 11, 2017

Previous
Previous

दिल-ए-मुज़्तर

Next
Next

तुम्हारी महक…