वो दर्द ही क्या…
हमने देखें हैं
मासूम बहारों मेँ
चमन जलते हुए
पुरनूर सितारों दरमियाँ
आसमां पिघलते हुए
हर मंज़र-ए-हर्फ़ हो
ये मुमकिन तो नहीं
वो दर्द ही क्या
जो लफ्ज़-ए-बयां हो जाए...
शैल
August 11, 2017
हमने देखें हैं
मासूम बहारों मेँ
चमन जलते हुए
पुरनूर सितारों दरमियाँ
आसमां पिघलते हुए
हर मंज़र-ए-हर्फ़ हो
ये मुमकिन तो नहीं
वो दर्द ही क्या
जो लफ्ज़-ए-बयां हो जाए...
शैल
August 11, 2017