आपका खाली कमरा…
पविल, आप कितनी बार कहते थे-
"मम्मी, आप लिखना शुरू करो,
पहले की तरह पढ़ा करो"
आपके जाने से पहले
सब शुरू भी कर लिया
लिखना,
किताबें पढ़ना
गाना सीखना
खुले गगन मेँ
पंख फैलाकर
उन सब उँचाईओं को छूना
जिन्हें मैं हसरत भरी निगाहों से
बस देखती ही रहती थी...
पर आज
एक बार फिर
बहुत खल रहा है
न जाने क्या
आपका खाली कमरा
याँ मुझसे हाथ मिलाता
मेरा खालीपन...
शैल
August 9, 2017