दिल-ए-नादान

 

तुम्हें कोई और चाहे
यह दिल को ग्वारा नहीं
तुम्हारा दिल किसी और को चाहे
उस चाहत पर हमारा ज़ोर नहीं
दिल-ए-नादान को कैसे समझाए कोई...

शैल
July 19, 2017

Previous
Previous

तिनका-तिनका जोड़

Next
Next

रात पश्मीने की