बेवजह

हर चीज़ की कोई वजह हो, ज़रूरी तो नहीं
सोचती हूँ कि कभी कुछ चीज़ें यूँ ही हों -
बस बेवजह
लफ्ज़ जिनके कोई मायने न हों
पन्नों पर उतर आएँ - बेवजह
तराने जिनकी कोई धुन न हो
दिल गुनगुनाना चाहे - बेवजह
भूले बिसरे अफ़साने
यूँ ही याद आ जाएँ - बेवजह
ऐसा शख्स जिससे कोई राब्ता ही न हो
जीने की वजह बन जाएँ - बेवजह
इक सुबह जहाँ चाँद खिला रहे - बेवजह
इक शाम जहाँ सूरज ठहर जाए - बेवजह
यूँ ही बस, बेवजह....

February 1, 2022

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