दोस्तों,
इक तुम्हारी मसरूफ़ियत
दूजा वक़्त का तक़ाज़ा
रूबरू ना सही
कभी गुफ़्तगू ही कर लिया करो
रुके हुए पानी पर अक्सर
काई लगने में
देर नहीं लगती...
शैल
July 20, 2017
दोस्तों,
इक तुम्हारी मसरूफ़ियत
दूजा वक़्त का तक़ाज़ा
रूबरू ना सही
कभी गुफ़्तगू ही कर लिया करो
रुके हुए पानी पर अक्सर
काई लगने में
देर नहीं लगती...
शैल
July 20, 2017